BRICS: आतंकवाद पर भारत की बड़ी जीत, चीन की कोई चाल नहीं चल पाई

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

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BRICS: आतंकवाद पर भारत की बड़ी जीत, चीन की कोई चाल नहीं चल पाई

BRICS: आतंकवाद पर भारत की बड़ी जीत, चीन की कोई चाल नहीं चल पाई। डोकलाम विवाद के बाद ब्रिक्स समिट में भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत प्राप्त हुई है, समिट के घोषणापत्र में चीन के विरोध के बाद भी आतंकवाद का मुद्दा शामिल किया गया। जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद का नाम लेकर उनकी काफी निंदा की गई।

यह बिलकुल साफ था कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत दुनिया के सामने अपना पक्ष रखने में सफल रहा। घोषणापत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया कि आतंक के खिलाफ दुनिया के सभी देशों को मिल जुलकर लड़ना होगा, और यह जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं सभी देशों की है।

इससे पहले चीन के राष्ट्रपति ने भारत पर दबाव बनाने का प्रयास किया था कि वह आतंकवाद का मुद्दा ब्रिक्स सम्मेलन में न उठाए, लेकिन भारत के आगे उसकी एक न चली। पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर अपना रुख यह कहकर पूरी तरह स्पष्ट कर दिया था कि शांति के लिए सहयोग जरूरी है और यह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर ही हासिल हो सकता है।

घोषणापत्र में शामिल किए गए मुद्दे:

  • तकनीक का इस्तेमाल आतंकवाद से निपटने के लिए किया जाए।
  • ब्रिक्स के घोषणापत्र में आतंकवाद का मुद्दा शामिल किया गया।
  • घोषणापत्र में पाक के आतंकी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद की निंदा की गई।
  • लश्कर और जैश के अलावा तहरीक ए तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों की भी चर्चा की गई।
  • मांग की गई कि आतंकवद का साथ देने वाले बेनकाब हों, बाकी देशों को इस मुद्दे पर साथ देने की अपील की गई।
  • आतंक की फंडिंग पर भी चोट करने की मांग की गई।

समिट की शुरूआत रविवार शाम हो गई थी, प्स्रान्तु पीएम मोदी ने सोमवार को अपना भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में हर बार की तरह इस बार भी शांति की अपील की। इससे पहले शी जिनपिंग ने भी अपने भाषण में आपसी सहयोग की बात कही थी।

36 thoughts on “BRICS: आतंकवाद पर भारत की बड़ी जीत, चीन की कोई चाल नहीं चल पाई”

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